Thursday 8 November 2012

बेगानी शादी मे अब्दुल्ला दीवाना



बेगानी शादी मे अब्दुल्ला दीवाना

जी हाँ भारतीय मीडिया की कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया थी बराक ओबामा के दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने पर
शाम को आफिस से लौटने पर न्यूज सुनने के लिये टेलेविजन खोला, देखता क्या हूँ  सारे  के सारे न्यूज चैनल पर बराक ओबामा के दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने की खबरे आ रहीं थी,  लग रहा था खुशियाँ मना रहे हों. कहीं उनकी जीत का विश्लेषण  हो रहा था तो कही बधाईयां दी जा रही थी. कुल मिला कर ऐसा लगता था, जश्न का माहौल हो. सारे के सारे पलके बिछाये ओबामा की जीत का इंतजार कर  रहे थे. ओबामा की जीत की न्यूज का आगे अन्य समाचारो को कोई तबज्जो ही नही दी जा रही थी. सुबह  सारे न्यूज पेपर्स चाहे वह हिन्दी के हों या अंग्रेज़ी के , सभी के मुख प्रष्ठ मोटे - मोटे हेडिंग मे बस यही  समाचार प्रकाशित किया गया था. न्यूज पेपर्स  अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के चुनाव जितने  की खबर से अटे पड़े थे.
मन मे विचार आया क्या अमेरिका  मे भी हिन्दुस्तान के इलेक्शन होने पर ऐसा ही माहौल होता होगा. क्या  वहां  के भी सारे न्यूज चैनल यहाँ के इलेक्शन की खबरे लगातार दे रहे होते होंगे. समझ मे नही आता कि कब हमारे मीडिया का   स्वाभिमान जागेगा. अरे यह वही अमेरिका है जहां हमारे राष्ट्रपति डा. अब्दुल कलाम  की तलाशी ली गयी थी.  जिसे  की  बाद मे अमेरिकी अधिकारियों ने सुरचा जांच के लिये आवश्यक बताया था. क्या अमेरिकियों को इतने बुजुर्ग आदमी से भी कोई खतरा हो सकता है.
अरे जब वह लोग हमे इज्जत नही दे सकते तब हम क्यों उनके आगे इस तरह से झुके रहते हैं. अरे न्यूज चैनल वालो कुछ तो शर्म करो. क्यो अपने स्वाभिमान का गला घोंट रहे हो

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